Laxmi Ji Ki Aarti Lyrics Options

शर्मनाक: लड़की को आए पीरियड्स लेकिन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर भी नहीं मिली सेनेटरी पैड, लोगों ने उठाया मजबूरी का फायदा

Ankuraggarwal.in can be a participant from the Amazon Companies LLC Associates Plan, an affiliate promotion system intended to supply a means for sites to get paid advertising and marketing costs by promoting and linking to amazon.com.

दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता,

कर्म प्रभाव प्रकाशिनी, कर्म प्रभाव प्रकाशिनी,

maa lakshmi laxmi ki aarti laxmi om jai lakshmi laxmi mata aarti lyrics in hindi laxmi aarti mp3 down load

आरती मुख्य रूप से पांच प्रकार से की जाती है जिसमें पहली दीपमाला से, दूसरी जल से भरे शंख से, तीसरी धुले हुए वस्त्र से, चौथी आम और पीपल आदि के पत्तों से और पांचवीं साष्टांग अर्थात शरीर के पांचों भाग (मस्तिष्क, हृदय, दोनों कंधे, हाथ व घुटने) से इस प्रकार पंच-प्राणों की प्रतीक आरती मानव शरीर के पंच-प्राणों की प्रतीक मानी जाती है।

धनतेरस के दिन प्रदोष काल में घर के मुख्य द्वार या आंगन में दीया जलाएं। एक दीया यम देवता के नाम का भी जलाएं। धनतेरस के दिन घर में अपने इष्ट देवता की पूजा करते समय स्वास्तिक, कलश, नवग्रह देवता, पंच लोकपाल, षोडश मातृका और सप्त मातृका का पूजन जरूर करें। 

-आरती पूजा की वह विधि है, जिसे करने पर पूजा का पूरा फल प्राप्त होता है और आराध्य देवी–देवता की कृपा Source बरसती है आरती को ‘आरार्तिक‘ और ‘नीराजन‘ भी कहा जाता है पुराणों में आरती की महिमा का गुणगान करते हुए कहा गया है कि यदि कोई मंत्र आदि नहीं जानता हो तो वह श्रद्धापूर्वक उस पूजा–अनुष्ठान का पूरा फल प्राप्त कर सकता है।

सब बोलो लक्ष्मी माता की जय, लक्ष्मी नारायण की जय।

कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥

Laxmi ji aarti pdf: Lakshmi may be the goddess of fortune have a peek at these guys magnificence read more prosperity and riches and fantastic luck in Hinduism. She’s usually represented as being a Woman sitting on a pink lotus flower and he or she has four arms with fingers she retains distinctive lotus flowers and from the opposite arms gold funds movement.

laxmi aarti : दिवाली का पर्व धनतेरस से शुरू हो जाता है। इस दिन से घर में महालक्ष्मी और गणेश जी का पूजन आदि किया जाता है। धनतेरस से सबी महालक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए घर में बर्तन खरीदकर लाते हैं

कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥

ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता,

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *